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त्यं चि॒दर्णं॑ मधु॒पं शया॑नमसि॒न्वं व॒व्रं मह्याद॑दु॒ग्रः। अ॒पाद॑म॒त्रं म॑ह॒ता व॒धेन॒ नि दु॑र्यो॒ण आ॑वृणङ्मृ॒ध्रवा॑चम् ॥८॥

English Transliteration

tyaṁ cid arṇam madhupaṁ śayānam asinvaṁ vavram mahy ādad ugraḥ | apādam atram mahatā vadhena ni duryoṇa āvṛṇaṅ mṛdhravācam ||

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Pad Path

त्यम्। चि॒त्। अर्णम्। म॒धु॒ऽपम्। शया॑नम्। अ॒सि॒न्वम्। व॒व्रम्। महि॑। आद॑त्। उ॒ग्रः। अ॒पाद॑म्। अ॒त्रम्। म॒ह॒ता। वधे॑न। नि। दु॒र्यो॒णे। अ॒वृ॒ण॒क्। मृ॒ध्रऽवा॑चम् ॥८॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:32» Mantra:8 | Ashtak:4» Adhyay:1» Varga:33» Mantra:2 | Mandal:5» Anuvak:2» Mantra:8


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर विद्वद्विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे विद्वन् ! जैसे (उग्रः) तेजस्वी सूर्य्य (महता) बड़े (वधेन) वध से (दुर्योणे) गृह में (त्यम्) उस (चित्) निश्चित (अर्णम्) जल का (मधुपम्) मधुर पदार्थों की रक्षा करनेवाले का (शयानम्) और सोते हुए के सदृश वर्त्तमान (असिन्वम्) नहीं बद्ध (वव्रम्) स्वीकार करने योग्य (अपादम्) पादों से रहित और (अत्रम्) सर्वत्र व्याप्त होनेवाले (मृध्रवाचम्) हिंसित वाणी से युक्त मेघ का (महि) अतीव (आदत्) ग्रहण करे वा (नि) अत्यन्त (आवृणक्) स्वीकार करता है, वैसे आप वर्त्ताव कीजिये ॥८॥
Connotation: - इस मन्त्र में वाचकलुप्तोपमालङ्कार है । हे मनुष्य ! जैसे बिजुली मेघ को भूमि में गिराती है, वैसे आप दुष्टों के =को नीच दशा को प्राप्त करिये =कराइये ॥८॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्विद्वद्विषयमाह ॥

Anvay:

हे विद्वन् ! यथोग्रः सूर्य्यो महता वधेन दुर्योणे त्यं चिदर्णं मधुपं शयानमसिन्वं वव्रमपादमत्रं मृध्रवाचं मेघं मह्यादन्न्यावृणक् तथा त्वं वर्त्तस्व ॥८॥

Word-Meaning: - (त्यम्) (चित्) (अर्णम्) जलम् (मधुपम्) यन्मधूनि पाति तम् (शयानम्) शयानमिव वर्त्तमानम् (असिन्वम्) अबद्धम् (वव्रम्) वरणीयम् (महि) महत् (आदत्) आदद्यात् (उग्रः) तेजस्वी (अपादम्) अविद्यमानपादम् (अत्रम्) योऽतति सर्वत्र व्याप्नोति तम् (महता) (वधेन) (नि) नितराम् (दुर्योणे) गृहे (आवृणक्) वृणोति। अत्र तुजादीनामिति दीर्घः। (मृध्रवाचम्) हिंसितवाचम् ॥८॥
Connotation: - अत्र वाचकलुप्तोपमालङ्कारः। हे मनुष्या ! यथा विद्युता मेघो भूमौ निपात्यते तथा भवन्तो दुष्टानधो निपातयन्तु ॥८॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या मंत्रात वाचकलुप्तोपमालंकार आहे. हे माणसांनो! जशी विद्युत मेघाला भूमीवर पाडते तसा तुम्ही दुष्ट लोकांचा नाश करा. ॥ ८ ॥